लेखक:
व्यास मणि त्रिपाठी
(जन्म : 1959, ग्राम बढ़वलिया, जनपद कुशीनगर, उत्तर प्रदेश)। शिक्षा : गोरखपुर विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए. और पी-एच.डी.। अब तक 27 पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें कुछ प्रमुख हैं – अंडमान तथा निकोबार के आदिवासी और उनकी बोली अंडमान के हिंदी कहानीकार अंडमान की हिंदी कविता, अंडमान तथा निकोबार की लोककथाएँ, अंडमान की हिंदी कहानियाँ, अंडमान का हिंदी साहित्य : गद्य-पद्य रचना-संचयन, अंडमान की चुनिंदा कहानियाँ कालापानी संज्ञा मुझको खलती है (कविता-संग्रह), निराला-काव्य : शैली वैज्ञानिक विश्लेषण, रामचंद्रिका में नाट्य तत्व कबीर से निराला तक : एक मूल्यांकन हजारी प्रसाद द्विवेदी – व्यक्तित्व एवं कृतित्व, महादेवी वर्मा : व्यक्तित्व एवं कृतित्व जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’, नंददास, मीडिया और हिंदी साहित्य, कविता की नई संवेदना आदि। लगभग 32 पुस्तकों का सहलेखन। विश्व हिंदी सम्मान, आचार्य रामचंद्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार, रामविलास शर्मा सर्जना पुरस्कार, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ हिंदी सेवी पुरस्कार, साहित्य शिरोमणि सारस्वत सम्मान, राम मनोहर लोहिया स्मृति हिंदी सेवी सम्मान, विद्या बाचस्पति एवं विद्या वारिधि की मानद उपाधियों सहित दर्जनों पुरस्कार-सम्मान प्राप्त। संप्रति – जवाहरलाल नेहरू राजकीय महाविद्यालय, पोर्ट ब्लेयर, अंडमान के हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष। |
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अंडमान की चुनिंदा कहानियाँव्यास मणि त्रिपाठी
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हिंदी कविता में अंडमानव्यास मणि त्रिपाठी
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"अंडमान : कालापानी से मुक्ति तीर्थ तक, राष्ट्रीयता और समरसता की कविताओं का संगम" आगे... |